देशभर की प्रमुख मंडियों में सोयाबीन के दाम लगातार दबाव में हैं। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे बड़े उत्पादक राज्यों में औसत भाव अभी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से काफी नीचे चल रहे हैं। किसानों को जहां अच्छी पैदावार की उम्मीद है, वहीं भाव गिरावट ने उनकी चिंता बढ़ा दी है।
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के ताज़ा मंडी भाव
27 अगस्त 2025।
मध्य प्रदेश की विभिन्न मंडियों में आज सोयाबीन का औसत भाव ₹4,293.43 प्रति क्विंटल दर्ज किया गया। न्यूनतम कीमत मात्र ₹3,200 रही, जबकि अधिकतम भाव ₹4,570 तक पहुँचा। यह कीमतें सरकार द्वारा घोषित MSP (₹5,328 प्रति क्विंटल) से काफी कम हैं। किसानों के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण है क्योंकि उत्पादन लागत बढ़ रही है और बिक्री मूल्य लागत से भी नीचे पहुँच गया है।
आज के प्रमुख मंडी भाव (मध्य प्रदेश)
- कन्नोड: ₹4,400 / क्विंटल
- सिलवानी: ₹4,405 / क्विंटल
- गुना: ₹4,265 / क्विंटल
- गैरतगंज: ₹4,420 / क्विंटल
- गंधवानी: ₹4,850 / क्विंटल
- छतरपुर: ₹4,525 / क्विंटल
- निवाड़ी: ₹4,250 / क्विंटल
- कालापीपाल: ₹4,210 / क्विंटल
- नौगांव: ₹4,600 / क्विंटल
तिथि अनुसार सोयाबीन रेट (₹/क्विंटल)
- 27 अगस्त 2025: ₹4,350
- 26 अगस्त 2025: ₹4,205
- 25 अगस्त 2025: ₹4,200
- 24 अगस्त 2025: ₹4,510
- 23 अगस्त 2025: ₹4,500
जिलावार भाव (27 अगस्त 2025)
- धार (धामनोद): ₹4,000 – ₹4,455
- इंदौर (गौतमपुरा): ₹4,425 – ₹4,500
- इंदौर (सांवेर): ₹4,150 – ₹4,504
- खंडवा: ₹4,350
- राजगढ़ (पचौर): ₹4,290 – ₹4,550
- शाजापुर (अगर): ₹3,200 – ₹4,500
- देवास (खातेगांव): ₹3,800 – ₹4,211
- खरगोन (भीकनगांव): ₹3,500 – ₹4,530
- खरगोन (सेगाँव): ₹4,091 – ₹4,135
- दमोह: ₹4,280 – ₹4,305
MSP से नीचे कारोबार, क्यों बढ़ी चिंता?
सोयाबीन का MSP इस वर्ष ₹5,328 प्रति क्विंटल है। लेकिन मौजूदा भाव MSP से 800–1,200 रुपये तक नीचे हैं। किसान संगठनों का कहना है कि यदि जल्द सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई तो किसानों को भारी नुकसान होगा।
विशेषज्ञों की राय
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, इस साल खरीफ सीजन में बुवाई अच्छी हुई है, जिससे पैदावार बढ़ने की संभावना है। लेकिन मांग में कमी और निजी व्यापारियों की दबाव नीति के चलते भाव नीचे बने हुए हैं।
किसानों के लिए सलाह
विशेषज्ञ किसानों को सलाह दे रहे हैं कि वे तुरंत बिक्री न करें और यदि संभव हो तो कुछ हफ्ते स्टॉक संभाल कर रखें। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन ऑयल की कीमतें सुधरने पर भारतीय बाजार में भी सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है।
निष्कर्ष
सोयाबीन किसानों के लिए यह समय बेहद चुनौतीपूर्ण है। औसत भाव MSP से काफी नीचे हैं और लागत की तुलना में भी कम मिल रहे हैं। सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह जल्द हस्तक्षेप कर किसानों को राहत देगी।

