किसानों के लिए बड़ा मौका: गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना से मिलेगी ₹10,000 की सहायता, बढ़ेगी आय

किसानों के लिए बड़ा मौका: गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना से मिलेगी ₹10,000 की सहायता, बढ़ेगी आय

भीलवाड़ा (राजस्थान): किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती को टिकाऊ बनाने के लिए कृषि विभाग ने गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना 2025 लागू की है। इस योजना के तहत पात्र किसानों को कम्पोस्ट पिट निर्माण के लिए ₹10,000 तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को राजकिसान पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

कृषि विभाग का कहना है कि रासायनिक उर्वरकों पर बढ़ती निर्भरता से खेती की लागत बढ़ रही है और मिट्टी की उर्वरता घट रही है। ऐसे में जैविक खाद ही वह विकल्प है, जो मिट्टी की सेहत सुधारने के साथ-साथ किसानों को बेहतर दाम दिलाने में मदद करेगी।

योजना की मुख्य बातें

  1. वित्तीय सहायता – पात्र किसानों को कम्पोस्ट पिट निर्माण के लिए अधिकतम ₹10,000 की सहायता।
  2. कम्पोस्ट पिट मानक आकार – 20 फीट लंबा, 3 फीट चौड़ा और 2 फीट गहरा गड्ढा या दो छोटे गड्ढे (10×3×2 फीट)।
  3. पात्रता शर्तें
    • किसान के पास खेती योग्य भूमि हो।
    • कम से कम 3 गोवंश मौजूद हों।
  4. आवेदन प्रक्रिया
    • राजकिसान पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन।
    • ई-साइन की हुई जमाबंदी और भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र अपलोड करना होगा।
  5. लाभार्थी चयन – पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर चयन।

किसानों को क्या फायदे होंगे?

  • खेत की उर्वरता लंबे समय तक बनी रहेगी।
  • रासायनिक खाद पर खर्च घटेगा।
  • फसल की गुणवत्ता और बाजार में मांग बढ़ेगी।
  • कीट और रोग का प्रकोप कम होगा।
  • प्राकृतिक संतुलन और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी।

भारत में ऑर्गेनिक खेती का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। आज शहरी उपभोक्ता स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं और जैविक उत्पादों के लिए अधिक कीमत चुकाने को तैयार रहते हैं। इस कारण किसानों के लिए यह योजना एक “दोहरा लाभ” लेकर आई है—

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मिट्टी की सेहत और फसल की गुणवत्ता दोनों में सुधार।

साथ ही, किसानों की आय में इजाफा।

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अधिकारियों का बयान

  • डॉ. विनोद कुमार जैन (संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग):
    “इस योजना का उद्देश्य किसानों की लागत कम करना और फसल की गुणवत्ता बढ़ाना है। जैविक खाद से तैयार फसल स्वास्थ्यवर्धक होती है और उसका बाजार मूल्य अधिक मिलता है।”

  • प्रियंका पारीक (योजना प्रभारी, कृषि अधिकारी):
    “आवेदन के समय किसान को ई-साइन की हुई जमाबंदी और भूमि का प्रमाण अपलोड करना होगा। जिले में 1500 किसानों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।”

निष्कर्ष

गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना किसानों के लिए आय बढ़ाने और खेती को टिकाऊ बनाने का बड़ा अवसर है। यदि किसान समय पर आवेदन करते हैं तो उन्हें वित्तीय सहायता के साथ-साथ जैविक खेती के लंबे समय तक लाभ मिल सकते हैं।

👉 आवेदन की अंतिम तिथि – 30 सितंबर 2025

❓ गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q1. गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना क्या है?
👉 यह एक सरकारी योजना है जिसके तहत किसानों को जैविक खाद के उपयोग और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ₹10,000 तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

Q2. इस योजना का उद्देश्य क्या है?
👉 योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को रासायनिक खाद से मुक्त करना, मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना और जैविक खेती को बढ़ावा देना है।

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Q3. किसानों को कितनी राशि मिलेगी?
👉 पात्र किसानों को इस योजना के तहत ₹10,000 तक की आर्थिक मदद सीधे बैंक खाते में भेजी जाएगी।

Q4. आवेदन करने के लिए किन दस्तावेज़ों की ज़रूरत होगी?
👉 आधार कार्ड, भूमि रिकॉर्ड (खेत का विवरण), बैंक पासबुक और पासपोर्ट साइज फोटो की आवश्यकता होगी।

Q5. आवेदन कहाँ किया जा सकता है?
👉 किसान अपने नज़दीकी कृषि विभाग कार्यालय में जाकर या राज्य/केंद्र सरकार के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।

Q6. इस योजना से किसानों को क्या लाभ होगा?
👉 किसानों का खेती खर्च कम होगा, मिट्टी की सेहत सुधरेगी, फसल की गुणवत्ता बढ़ेगी और जैविक उत्पादों की अधिक कीमत मिलने से आय में इजाफा होगा।

Q7. क्या यह योजना सभी राज्यों में लागू होगी?
👉 हाँ, केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर गाइडलाइन जारी करेंगी।